Rough outflows of a rough human. Spontaneous outcomes of my hearts converted into words in this small platform.
Friday, September 2, 2011
हिन्दी मुक्तक
आप के होने से हमारी खुशी जुडी हुइ है…
आप कि आँखो से हमारी रोश्नी जुडी हुइ है…
मत कर्ना दुर आप्ने होठोसे ये मुस्कुराहट्…
आप कि इन हँसी से हमारी जिन्दगी जुडी हुइ है…
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